देहरादून
यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार पूर्व भाजपा नेता हाकम सिंह के सांकरी स्थित रिजॉर्ट पर नोटिस चस्पा हो गया है। रविवार को राजस्व व वन विभाग की टीम ने सांकरी गांव पहुंचकर रिजॉर्ट की नापजोख की जिसमें सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की पुष्टि के बाद नोटिस चस्पा कर दिया गया। एडीएम तीर्थपाल सिंह का कहना है कि नापजोख के बाद कार्रवाई की जाएगी।
मोरी तहसील के सांकरी गांव में नकल माफिया हाकम सिंह का देवदार की लकड़ी से बना आलीशान रिजॉर्ट है। एसटीएफ और राजस्व पुलिस की जांच में रिजॉर्ट के सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाए जाने की पुष्टि हुई थी जो कि गोंविद वन्यजीव विहार की भूमि पर अतिक्रमण कर बनाया गया है। रिपोर्ट में अतिक्रमण का खुलासा होने के बाद से शासन-प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बना हुआ है।
रविवार को एसडीएम पुरोला देवानंद शर्मा के नेतृत्व में राजस्व व वन विभाग की टीम सांकरी पहुंची जिसने रिजॉर्ट के अतिक्रमण को लेकर नक्शे-खसरा निकालकर चिह्नीकरण शुरू किया। एसडीएम देवानंद शर्मा ने बताया कि चिह्नीकरण में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर रिजॉर्ट बनाए जाने की पुष्टि हुई है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में हाकम की गिरफ्तारी के बाद से ही उसका रिजॉर्ट चर्चाओं में है। पूर्व भाजपा नेता व जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह के रिजॉर्ट में क्षेत्र में आने वाले नौकरशाह से लेकर वीआईपी भी ठहरते थे। एडीएम तीर्थपाल सिंह ने बताया कि राजस्व व वन विभाग के भौतिक सत्यापन में अतिक्रमण की पुष्टि हुई है जिसके बाद नोटिस चस्पा कर कीमती सामान हटाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने मामले में नियमानुसार कार्रवाई की बात कही।
हाकम सिंह के आलीशान रिजॉर्ट पर रविवार को बुलडोजर चलना तय हो गया था लेकिन पुलिस विभाग से पत्र लीक होने के बाद प्रशासन ने रातों रात ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को स्थगित कर दी। हालांकि रविवार को राजस्व विभाग की टीम ने सांकरी पहुंचकर नाप-जोख की कार्रवाई की जबकि एसटीएफ और राजस्व विभाग की जांच में अतिक्रमण की पुष्टि हो चुकी है।
रविवार को हुई नाप-जोख में रिजॉर्ट के पार्क क्षेत्र के साथ राजस्व, लोनिवि की भूमि पर भी अतिक्रमण करने की पुष्टि हुई। एडीएम तीर्थपाल सिंह ने बताया कि रिजॉर्ट निर्माण के लिए गोविंद वन्यजीव विहार के साथ राजस्व, लोनिवि की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। राजस्व विभाग की टीम ने हाकम सिंह के रिजॉर्ट के समीप बनाए गए उसके सेब के दो बगीचे सील कर दिए हैं। एडीएम तीर्थपाल सिंह ने बताया कि यह बगीचे भी सरकारी भूमि पर बनाए गए हैं। बताया कि वन विभाग भी अपने स्तर से नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर रहा है।
पेपर लीक मामले में हाकम सिंह का नाम आया तो एक-एक कर उसके काले कारनामे भी सामने आने लगे। अब पता चला है कि उसका जो आलीशान रिजॉर्ट सांकरी में बना है, उसके लिए उसने 85 फीसदी सरकारी भूमि कब्जाई। सवाल है कि यह कब्जा सालों तक किसी को क्यों नहीं दिखा। राजस्व के कर्मचारी और अधिकारी भी यह देखकर अनदेखी करते रहे। यह भी सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी भूमि पर कब्जा कराने वाले इन अधिकारियों पर कार्रवाई कब की जाएगी।
बता दें कि गत 13 अगस्त को हाकम सिंह को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसके उत्तर प्रदेश के नकल माफिया से पुराने संबंध थे। जांच में पता चला कि हाकम ने इसी काम से बहुत सी अवैध संपत्तियां भी अर्जित कर ली हैं। इसके चलते उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी की गई। अब पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी उसकी संपत्तियों की जांच करने पहुंचे तो सभी चौंक गए। जिस जमीन पर उसका आलीशान रिजॉर्ट खड़ा है, उसके लिए उसकी अपनी भूमि 15 फीसदी ही है। बाकी जमीन तो उसने जंगलात की कब्जाई है।
अब जिन राजस्व के अधिकारियों ने जांच की वह पहले भी वहां तैनात रहे थे। इन अधिकारियों और कर्मचारियों ने कभी इस रिजॉर्ट की सत्यता को नहीं जांचा। बताया जा रहा है कि हाकम सिंह की सरकारी तंत्र में पकड़ मजबूत थी। लिहाजा, उसने राजस्व के पटवारियों और अन्य लोगों से भी सांठगांठ की और इस जमीन को कब्जा कर यहां रिजॉर्ट बना लिया। मगर, अभी तक इन अधिकारियों में से किसी के ऊपर कार्रवाई नहीं की जा रही है। पुलिस और प्रशासन जमीन कब्जाने वाले पर तो कार्रवाई कर देगी मगर, बड़ा सवाल है कि कब्जा कराने वालों पर कब होगी।
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