अस्पताल के शौचालय में नाबालिग का प्रसव, जच्चा-बच्चा दोनों की मौत रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल की घटना

रुद्रप्रयाग

जिला चिकित्सालय के शौचालय में एक नाबालिग लड़की ने बच्चे को जन्म दिया। कुछ देर बाद नाबालिग की मौत हो गई जबकि बच्चे का शव शौचालय में मिला। अभी यह पता नहीं लगा है कि बच्चा मृत पैदा हुआ था या प्रसव के बाद उसकी मौत हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने जांच बैठा दी है। साथ ही पुलिस भी मामले की जांच कर रही है।
शुक्रवार दोपहर एक महिला अपनी बेटी को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लेकर पहुंची। चिकित्सक ने सामान्य उपचार करते हुए उसके खून का सैंपल जांच के लिए भेज दिया। जांच में हीमोग्लोबिन महज तीन ग्राम प्रति डेसीलीटर पाया गया। रिपोर्ट देखने के लिए चिकित्सक ने संबंधित ग्रुप का खून उपलब्ध न होने के कारण लड़की को रेफर करने की बात कही लेकिन महिला बेटी का इलाज अस्पताल में ही करने की बात पर अड़ी रही। इस पर डॉक्टर ने लड़की को अस्पताल में भर्ती कर लिया।

बताया जा रहा है कि देर रात 12 से एक बजे के बीच महिला बेटी को लेकर अस्पताल के शौचालय में गई। शौचालय में ही लड़की का प्रसव हो गया। इसके बाद वह बेटी को लेकर वार्ड में लौट आई। लड़की को काफी रक्तस्राव हो रहा था और कुछ देर बाद लड़की ने भी दम तोड़ दिया। इसके बाद शनिवार दोपहर करीब 12 बजे सफाई कर्मियों को शौचालय में नवजात बच्चे का शव मिला। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार मां ने लड़की के गर्भवती होने की बात डॉक्टर को नहीं बताई थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्चे और नाबालिग के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।साथ ही मामले की जांच भी शुरू कर दी।

जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक राजीव सिंह ने बताया कि खून की जांच के बाद चिकित्सक उसे दूसरे अस्पताल में रेफर कर रहे थे लेकिन लड़की की मां ने मना कर दिया। उसने अपनी बेटी का उपचार अस्पताल में ही करने की बात लिखित में दी। उसने अपनी बेटी के गर्भवती होने की बात नहीं बताई। पूरी घटना में परिजनों की गलती सामने आ रही है। वह सही बात चिकित्सकों को बताते तो लड़की को बेहतर उपचार मिल पाता।

नाबालिग को कमजोरी और बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती कराए जाते वक्त होने वाली जांच में डॉक्टरों को उसके गर्भवती होने का पता न चलना अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करता है। यह चिकित्सकीय लापरवाही की ओर भी इशारा करता है।

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