देहरादून
बिजली की किल्लत अब खत्म होने लगी है। UPCL बिजली कमी को दूर करने के लिए रियल टाइम मार्केट का सहारा ले रहा है।
यूपीसीएल के अनुसार मंगलवार यानी आज 15.25 मिलियन यूनिट बिजली की कमी आंकी गई थी। जिसके सापेक्ष विभाग ने 14.25 मिलियन यूनिट का इंतजाम कर लिया गया है। बांकी बचे 1 या 1.5 डेढ़ मिलियन यूनिट बिजली की कमी आज रियल टाइम मार्केट से खरीदकर दूर करने की कोशिश की जा रही है।
अगर बिजली नहीं भी मिल पाई तो भी ग्रामीण क्षेत्रों में महज एक या डेढ़ घंटे की कटौती ही होगी। यानी कि बिजली संकट पर यूपीसीएल ने बेहतर काम करते हुए निजात पाने में सफलता हासिल कर लिया है।
वहीं देश के अन्य राज्यों में अब भी 4 से 5 घंटे तक और कहीं-कहीं 8 घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है। जबकि उत्तराखंड ने रियल टाइम मार्केट के सहारे बिजली संकट को वकायदा दूर करने में कामयाबी हासिल की है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों यूपीसीएल ऊर्जा विभाग की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह के साथ बैठक ली थी। मुख्यमंत्री धामी ने बैठक में यूपीसीएल को बिजली कटौती रोकने के सख्त निर्देश दिए थे। इसके बाद यूपीसीएल ने कटौती को रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
बैठक के बाद यूपीसीएल के एमडी इंजीनियर अनिल कुमार लगातार खुद बिजली की कमी को दूर करने की कसरत में जुटे हुए हैं।
एमडी ई० अनिल कुमार अपने अधिकारी कर्मचारियों को चुस्त करने में जुटे हुए हैं वही खुद बिजली बिजली खरीद को लेकर भारत सरकार के संबंधित मंत्रालय में बातचीत कर रहे हैं नतीजा यह है कि अब बिजली कई राज्यों से प्राप्त होने लगे हैं जिसमें असम से अतिरिक्त बिजली के लिए 1 साल के लिए यूपीसीएल द्वारा कॉन्ट्रैक्ट करने की खबर है ।
बिजली कमी के कारण
बिजली की कमी किसी एक राज्य की समस्या नहीं है बल्कि यह समस्या देशव्यापी है। यूक्रेन रूस युद्ध की वजह से गैस की सप्लाई बाधित हुई है, साथ ही कोयले की उपलब्धता कम होने की वजह से भी थर्मल बिजली निर्माण में राष्ट्रीय स्तर पर कमी आई है।
उत्तराखण्ड में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट भी इन दिनों पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रही हैं। इसकी बड़ी वजह नदियों में पानी की कमी है। कहा जा रहा है कि गर्मी के बढ़ने के साथ ही नदियों में पानी का जलस्तर बढ़ने लगेगा और बिजली निर्माण में भी तेजी आएगी।
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