लंढौरा
चमन लाल महाविद्यालय में यूसर्क देहरादून द्वारा आयोजित एक दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
“कोविड-19 महामारी के पानी, पर्यावरण और मानवता पर प्रभाव का मूल्यांकन विषय” पर आधारित थी जिसमें मुख्य अतिथि डॉ अनीता रावत डायरेक्टर USERC देहरादून के संदर्भ में डॉ भवतोष शर्मा ने कोविड -19 के दौरान पूरा विश्व कैसे प्रभावित हुआ, जिसमे स्वास्थ्य से लेकर आर्थिक और सामाजिक स्तर भी अछूता नहीं रहा विषय से अवगत कराया और कोविड काल में गंगा एवम् अन्य जल स्रोतों के पानी की गुणवत्ता में आए परिवर्तन पर व्याख्यान दिया तथा जल की शुद्धता को कैसे बनाये रखे इसकी भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियों से बचने के लिए हमें अपनी प्राथमिकताएं पुनः निर्धारित करनी होगी और पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए सच्चे प्रयास करने होंगे ।
इसके अतिरिक्त अन्य विशिष्ट प्रतिभागियों ने आत्मनिर्भर भारत अभियान, नदियों का प्रदूषण और उसकी समस्या एवं निवारण पर भी प्रकाश डाला। इसी श्रंखला में महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष राम कुमार शर्मा व कोषाध्यक्ष अतुल हरित ने लोकडाउन के दौरान शैक्षिक गतिविधियां किस प्रकार प्रभावित हुई उस जानकारी से भी अवगत कराया ।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशील उपाध्याय ने डब्ल्यूएचओ के द्वारा तथ्यों की जानकारी से अवगत कराया और बताया कि किस प्रकार कोविड 19 के कारण आर्थिक तंत्र प्रभावित हुआ है तथा प्रदूषण में भी कमी आई है। इसी श्रंखला में डॉ. डी .आर. पुरोहित ने हमें मानव समाज और संस्कृति पर हो रहे कोविड 19 के प्रभाव पर प्रकाश डाला।
दून विश्व विद्यालय के वरिष्ठ प्रो. एच् .सी. पुरोहित, ने “कोविड महामारी के सामाजिक एवम् आर्थिक प्रभाव विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत एवं भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के फण्ड की विस्तृत जानकारी दी।
हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्व विद्यालय के डॉ आलोक सागर गौतम ने गणितीय निरुपण के माध्यम से कोविड- 19 का प्रस्तुतिकरण भी किया तथा वायु गुणवत्ता में आए परिवर्तन संबंधी अपने शोध कार्य को प्रस्तुत किया ।
इस सेमीनार की आयोजन समिति के संयोजक डॉ ऋचा चौहान , डॉ दीपा अग्रवाल और डॉ तरुण गुप्ता ने कार्यक्रम का संचालन किया। उद्घाटन सत्र की शुरुआत डॉ दीपा अग्रवाल और कार्यक्रम की रूपरेखा डॉ ऋचा चौहान द्वारा प्रस्तुत की गई तथा इस सेमिनार में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया तथा इसके अलावा तकनीकी सत्रों में 10 से अधिक विद्यार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए । जिसमे ओरल एवं पोस्टर प्रेजेंटेशन में प्रथम स्थान क्रमशः विजेता पूजा मिश्रा और अपराजिता ने प्राप्त किया और द्वितीय विजेता अवनीश चौहान , मयंक और अनुराधा तथा तृतीय विजेता ज्योति शर्मा और सांत्वना पुरस्कार विजेता निधि नेगी रही। समापन सत्र में सयोजक डॉ तरुण गुप्ता ने प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा सारांश रूप में सेमिनार की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की इस दौरान महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण इस राष्ट्रीय संगोष्ठी से जुड़े रहे हैं।
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